पहाड़ी कविता " पहले साही प्यार नी "

" पहले साही प्यार नी " (बिलासपुरी बोली) "पहले साही प्यार नी" हुण पहले साही प्यार नी रहेया, पुराणे घरा साही घर नी रहे, भाईया साही प्यार नी रहेया, ब्याह होया कने भाई भाई लाग होई गये, हुण पहले साही प्यार नी रहेया, पक्केया घरा साही लोका रे दिल भी पक्के होई गये, गाँव रे लोक शहरा च रही ने शहरी होई गये, गाँव री यादाँ गाँव च रही गईयाँ, हुण पहले साही प्यार नी रहेया, पुराणे घरा साही घर नी रहे। पहाड़ी लेखक-सुनील शर्मा गाँव लद्दा तहसील घुमारवीं जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश