पहाड़ी कविता "मेरी माँ"


                   "मेरी माँ" (बिलासपुरी बोली)



               

          माँ सभी री जिंदगी च खास होई,
कने छोटी छोटी खुशियाँ लेई माँ दुआयें मंगा ई,
हर माँ लेई अपणे बच्चे हुँदे बडे खास,

माँ ही है से जे अहाँ जो, 
इसा दुनियाँ च लेई ने आई री,
माँ री करो कद्र कने वृद आश्रम ना भेजो,

         माँ सभी री जिंदगी च खास होई,
माँ रा प्यार ताँ नसीब वालेयो जो मिलदा,
बच्चा हो जे उदास ताँ माँ ही हसाणा जाणदी,
माँ रे बिना ऐ जिंदगी बडी अधूरी,

         जिंदे जी करी लो माँ री कदर,
माँ ताँ सभी रे घरा री रौणक हुँदी,
माँ जो रखो हर पल खुश,

माँ ही जो अपने बच्चेया लेई मँगदी हर दुआ,
 माँ सभी री जिंदगी च खास होई।



                                 पहाड़ी लेखक- सुनील शर्मा

                          गाँव लद्दा तहसील घुमारवीं
                       जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश

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