पहाड़ी कविता "क्या बोलदी गर्मी"


        

       "क्या बोलदी गर्मी"

      (बिलासपुरी बोली)


                                


       क्या बोलदी गर्मी,
       बडा तेज तुपा आ,
       फुकी गये गर्मियाँ ने,

ठंडा ठंडा पानी पीणा नालुऐ रा,
कुल्फी आईसक्रीमा खाने री लेणी बडी पारी नाँद,

   तुपे च पैदल चलना ताँ छतरी रा लेणा सहारा,
    बिजली चली जाणे पर देने मणा मणा रे बोल,

  ईक ते सौ तक गिनती बोलनी,
  ईयाँ करना बिजली आऊने रा    इंतजार,

       क्या बोलदी गर्मी,
     बडा तेज तुपा आ,
    फुकी गये गर्मियाँ ने।          




     

पहाड़ी लेखक- सुनील शर्मा

गाँव लद्दा तहसील घुमारवीं
जिला बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश)



                  





















Comments

Popular posts from this blog

पहाड़ी कविता "चिट्ठा नशा"

पहाड़ी कविता "हिमाचली टोपी"

पहाड़ी कविता "नया जमाना" (बिलासपुरी बोली)